आयुर्वेद में त्रिदोष वात पित्त कफ के संतुलन बिगड़ने को ही रोग कहा गया है ,इनसे ही सभी रोगों की उतपत्ति होती है।
वात का प्रकोप होने पर तेल का सेवन करें,
पित्त का प्रकोप होने पर गाय के घी का सेवन करें।
कफ का प्रकोप होने पर शहद का सेवन करें।
त्रिफला हर ऋतु में फायदा करता है
आँवला का सेवन हर ऋतु में लाभकारी होता है।
डॉ दीपाली अग्रवाल
सुजोक थेरेपिस्ट, नेचुरोपैथ
9887149904